टीम इंडिया को 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप जिताने वाले गौतम गंभीर आखिरकार राजनीति के मैदान पर उतर ही गए। पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। गंभीर ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली।
आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि गंभीर के अलावा और कौन से क्रिकेटर्स राजनीति में अपना भाग्य आजमा चुके हैं।
1- नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू एक ऐसा शख्स हैं जो कभी क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में नजर आते तो कभी राजनेता के रूप में। सिद्धू ने 2004 में राजनीति में कदम रखा और बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता। पंजाब में बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिद्धू ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। सिद्धू इंटरनेशनल क्रिकेट में 7,000 से ज्यादा रन बना चुके हैं।
मोहम्मद अजहरूद्दीन
क्रिकेट के बाद पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने भी राजनीति के मैदान पर कदम रखा। अजहर ने कांग्रेस की टिकट से उ.प्र. के मुरादाबाद से लोकसभा का चुनाव बड़े अंतर से जीता था, हालांकि 2014 आम चुनावों में 'मोदी लहर' के बीच वह भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहे।
चेतन चौहान
1969 में भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले चेतन चौहान ने भी खेल को अलविदा कहने के बाद राजनीतिक पारी शुरू की। 1981 में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले चेतन ने बीजेपी का दामन थामा और वर्तमान में उ.प्र. सरकार में मंत्री हैं।
कीर्ति आजाद
इस लिस्ट में अगला नाम कीर्ति आजाद का है। आजाद ने भी क्रिकेट छोड़ने के बाद राजनीति में एंट्री की। कीर्ति आजाद को राजनीति पारिवारिक विरासत के रूप में मिली थी। आजाद के पिता भगवंत झा बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे। हालांकि, आजाद को इसके चलते कई फायदे भी हुए। किसी समय बीजेपी में रहे कीर्ति फिलहाल कांग्रेस के साथ जुड़ गए हैं।
तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत
भारत को दो वर्ल्ड कप जिताने वाले एस. श्रीसंत आईपीएल फिक्सिंग के बाद से आजीवन बैन झेल रहे हैं। एस. श्रीसंत केरल विधानसभा चुनाव के दौरान 2016 में बीजेपी ज्वॉइन कर चुके थे। उन्होंने चुनाव भी लड़ा, लेकिन अपनी आक्रामकता और तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर रहे इस खिलाड़ी को कामयाबी नहीं मिली।
मोहम्मद कैफ
लॉर्ड्स में खेले गए नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल के हीरो रहे मोहम्मद कैफ ने भी राजनीति में एंट्री की थी। कांग्रेस की टिकट से 2014 में आम चुनाव से फूलपुर सीट से किस्मत आजमाई, लेकिन बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्या से उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।