राज्यसभा क्या है? | Rajya Sabha Explained in Hindi
राज्यसभा भारतीय संसद का उच्च सदन (Upper House) है, जिसे “Council of States” भी कहा जाता है। यह भारत के संघीय ढांचे का प्रमुख स्तंभ है, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व होता है। आइए विस्तार से जानें राज्यसभा की संरचना, शक्तियाँ, और भूमिका।
राज्यसभा की स्थापना
राज्यसभा की स्थापना 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के लागू होने के साथ हुई। इसका पहला सत्र 13 मई 1952 को आयोजित किया गया था।
राज्यसभा की संरचना
- कुल अधिकतम सदस्य: 250
- वर्तमान सदस्य संख्या: 245
- इनमें से:
- 233 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुने जाते हैं।
- 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं (साहित्य, कला, विज्ञान, समाज सेवा में विशिष्ट योगदान हेतु)।
राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल
राज्यसभा एक स्थायी सदन है, जिसे भंग नहीं किया जा सकता। हालांकि, हर दो साल में इसके एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं। प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है।
राज्यसभा के चुनाव कैसे होते हैं?
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव परोक्ष चुनाव (Indirect Election) के माध्यम से होता है। यह चुनाव प्रोपोर्शनल रिप्रजेंटेशन प्रणाली और सिंगल ट्रांसफरेबल वोट विधि से राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य करते हैं।
राज्यसभा के प्रमुख पद
- सभापति (Chairman) – भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन (Ex-Officio) सभापति होते हैं।
- उपसभापति (Deputy Chairman) – राज्यसभा स्वयं अपने सदस्यों में से उपसभापति का चुनाव करती है।
राज्यसभा की शक्तियाँ
1. विधायी शक्ति
राज्यसभा लोकसभा के साथ मिलकर कानून बनाने का कार्य करती है। हालांकि, धन विधेयक (Money Bill) पर इसकी सीमित भूमिका होती है।
2. संघ सूची में राज्य हितों पर कानून
अनुच्छेद 249 के तहत राज्यसभा 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित कर सकती है कि संसद को राज्य सूची में कानून बनाने का अधिकार हो।
3. अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन
अनुच्छेद 312 के तहत राज्यसभा संसद को नई अखिल भारतीय सेवाएं (जैसे – भारतीय स्वास्थ्य सेवा) बनाने की अनुशंसा कर सकती है।
राज्यसभा और लोकसभा में अंतर
बिंदु | राज्यसभा | लोकसभा |
---|---|---|
स्थिति | उच्च सदन | निम्न सदन |
सदस्य संख्या | 245 | 545 |
चुनाव | परोक्ष | प्रत्यक्ष |
कार्यकाल | स्थायी, 6 वर्ष | 5 वर्ष |
धन विधेयक पर अधिकार | सीमित | पूर्ण |
महत्वपूर्ण तथ्य (Static GK)
- राज्यसभा को भंग नहीं किया जा सकता।
- उपराष्ट्रपति भारत के पदेन सभापति होते हैं।
- सदस्य बनने की न्यूनतम आयु – 30 वर्ष
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निष्कर्ष
राज्यसभा भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। यह संघीय संरचना को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है और राज्यों को केंद्र की नीति में भागीदारी का मंच देती है।
अगर आप सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो भारतीय संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – की समझ आपके लिए बेहद जरूरी है।