मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में 9 अनजाने तथ्य, जो आप नहीं जानते होगें, unknown-facts-about-yogi-adityanath-in-hindi
19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली हैl योगी आदित्यनाथ के साथ ही दो उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा तथा 44 अन्य मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है.
क्या आपको पता है कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली घटना है जब एक राज्य में दो उप-मुख्यमंत्री को नियुक्त किया गया हैl इस लेख में हम योगी आदित्यनाथ से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों का विवरण दे रहे हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगेl
योगी आदित्यनाथ के बारे में 10 अनजाने तथ्य
1. गोरखपुर से पांच बार सांसद
योगी आदित्यनाथ 1998 में पहली बार 12वीं लोकसभा में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे. उस समय उनकी उम्र मात्र 26 वर्ष थी. वह उस लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। अब तक वह गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद निर्वाचित हो चुके हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में आदित्यनाथ ने 1,42,309 मतों के अंतर से विजय प्राप्त की थी.
2. मूल नाम अजय सिंह बिष्ट
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश था) के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में हुआ था. उन्होंने टिहरी में गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की थीl स्कूल और कॉलेज सर्टिफिकेट में इनका नाम अजय सिंह बिष्ट है. टिहरी के गजा स्कूल से इन्होने दसवीं की परीक्षा और ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी.
3. गणित विषय में स्नातक की डिग्री
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वेश-भूषा से योगी की तरह दिखने वाले योगी आदित्यनाथ ने कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की हैl अपने कॉलेज के दिनों में ही योगी आदित्यनाथ “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्” से जुड़ गए थे.
4. 22 वर्ष में सन्यास
गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान 1993 में वह गुरू गोरखनाथ पर रिसर्च करने के लिए गोरखपुर आए थेl यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह/आदित्यनाथ पर पड़ीl महंत अवैद्यनाथ के सानिध्य में आने के बाद 1994 में आदित्यानाथ सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर “योगी आदित्यानाथ” हो गया.
5. हिन्दू वाहिनी सेना के संस्थापक
योगी आदित्यानाथ ने 2002 में हिन्दू संगठन “हिन्दू युवा वाहिनी” का गठन किया थाl इस संगठन पर पुलिस ने सन 2005 में मउ में हुए दंगों का आरोप लगाया थाl उस समय यह हिन्दू संगठन मुख़्तार अंसारी नाम के एक विधायक, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक कृष्णानंदा राय की हत्या का आरोप था, के विरोध में दंगा किया थाl इसके साथ ही हिन्दू युवा वाहिनी पर 2007 में गोरखपुर दंगे का भी आरोप लगा थाl हिन्दू युवा वाहिनी का प्रभुत्व गोरखपुर, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संत कबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में सबसे अधिक है.
6. अपनी पार्टी के साथ भी मनमुटाव
आपकी जानकारी के लिए हम बताना चाहते हैं कि एक समय योगी का भाजपा के साथ संबंध खासे तनावपूर्ण हो गए थे। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी मामलों में बड़ी भूमिका चाहते थे, जिससे विवाद गहरा गया थाl दिसंबर 2006 में उन्होंने गोरखपुर में विराट हिन्दू महासम्मेलन कराया जबकि उसी समय लखनऊ में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हो रही थी। योगी आदित्यनाथ और भाजपा नेतृत्व के बीच 2007 के चुनावों में भी तनाव हो गया था, जब योगी पूर्वांचल के 100 से अधिक सीटों पर अपनी पसंद का उम्मीदवार उतारना चाहते थे। बाद में हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दखल के बाद समझौता हुआ थाl
7. कई तरह के आपराधिक मुकदमों में नाम
2007 में गोरखपुर में मुहर्रम के अवसर पर मुसलमानों के जुलूस पर कुछ लोगों ने गोलाबारी कर दी थी जिसके बाद भड़की हिंसा में एक हिंदू लड़के की हत्या हुई थीl उस युवा की मौत के बाद आदित्यनाथ ने हिंदुओं को न्याय दिलाने की कसम खाई और उन्होंने एक व्यस्त सड़क पर मशाल जुलूस और “श्रद्धाजलि सभा” आयोजन करने की घोषणा कीl जिसके कारण उन्हें जीवन में पहली बार भारतीय दंड संहिता की धारा 151 A के तहत जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 146, 147, 279 और 506 के तहत भी गिरफ्तार किया गया हैl
8. अपने समर्थकों में काफी लोकप्रिय
गोरखपुर के इलाके में योगी आदित्यनाथ की कही बातों को उनके समर्थक कानून के रूप में पालन करवाते हैंl इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आदित्यनाथ के कहने पर ही गोरखनाथ मंदिर में होली और दीपावली जैसे बड़े त्योहार का आयोजन एक दिन बाद किया जाता हैंl
9. जानलेवा हमले के शिकार
7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ थाl इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे, यह हमला इतना बड़ा था कि 100 से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया थाl
copy- jagranjosh.com
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